ऑनलाइन कुंडली में ज्यादातर लोग मांगलिक ( मंगली ) क्यों निकलते हैं ?

This is copyrighted by me and it was first published on 18 September 2019 on Quora कंप्यूटर से निकली अधिकांश कुंडलियों में लड़का या लड़की आंशिक मांगलिक ही क्यों होते है? क्या यह कोई सॉफ्टवेयर त्रुटि है? 

मांगलिक होने का फार्मूला ही कुछ ऐसा है कि हर दूसरा व्यक्ति मांगलिक घोषित हो जाता है । लग्न कुंडली में कुल 12 भाव होते हैं , इनमें से पहले , दूसरे , चौथे , सातवें, आठवें, बारहवें भाव में मंगल स्थित होने से व्यक्ति को मांगलिक घोषित कर दिया जाता है । इस हिसाब से 50% लोग मांगलिक हो गए ।

फिर कई ज्योतिषी चन्द्र कुंडली से भी यही स्थिति देखते हैं तो दोनों मिला कर 80% संभावना हो जाती है कि व्यक्ति मांगलिक निकले ।

इसके बाद भारतीय कानून की तरह, छूट देने वाले नियम किंतु, परन्तु के साथ लगा कर ज्योतिषी इनमें से आधे लोगों को बाइज्जत बरी कर देता है । इसके लिए आपको कुछ मुद्रा खर्च करनी पड़ सकती है । ऐसे लोगों के लिए आंशिक मंगली या सौम्य मंगली शब्द का प्रयोग किया जाता है ।

वैसे मंगल ग्रह लड़ने भिड़ने का ग्रह माना जाता है । अब दुनियां में शायद ही कोई मनुष्य हो जो कभी भी लड़ाई झगड़ा न करे । 80% मनुष्य कभी न कभी झगड़ा , मारपीट अवश्य करते हैं । पर जो हर दूसरे दिन करते हैं , वे घोर मंगली और जो साल में 2–4 बार करते हैं वे आंशिक मंगली कहे जाएंगे ।

कंप्यूटर सॉफ्टवेयर में सभी नियम डाल देने से 80% व्यक्तियों को वह आंशिक मंगली घोषित कर देता है ।

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