क्या हाथ कटने से हस्तरेखा से बताया गया भविष्य भी समाप्त हो जाता है ?

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ऊपर के चित्र में एक बिजली की मोटर दिख रही है जिसमें मोटर की क्षमता , बिजली की खपत , बनाने वाले निर्माता का नाम और मॉडल का नाम भी लिखा है।

मान लीजिए कि इस मोटर की रेटिंग प्लेट कोई निकाल देता है । क्या इससे इस मोटर की क्षमता बदल जाएगी ? क्या उसके काम करने का ढंग बदल जाएगा या वह किसी अन्य वोल्टेज पर चलने लगेगी ?

हां , रेटिंग प्लेट बने रहने से इस मोटर को कोई भी उसमें लिखे निर्देशों का पालन कर चला सकता है । बिना रेटिंग प्लेट के भी बिजली का जानकार , विशेषज्ञ चला देगा या अनुमान से उसके बारे में बता देगा ।

इसका कारण यह है कि अनुभव के आधार पर मोटर की बनावट , आकार आदि को देख कर भी मोटर की क्षमता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है ।


इसी तरह से किसी मनुष्य में हस्तरेखा एक रेटिंग प्लेट की तरह होती है और हस्तरेखा विशेषज्ञ उसको देखकर व्यक्ति की क्षमता का आंकलन कर भविष्यवाणी कर सकते हैं । हाथ न रहने पर भी व्यक्ति की क्षमता समाप्त नहीं होती है । उसका भविष्य फिर भी रहता है ।

जैसे आकार और बनावट से अंदाज़ा लगाते हैं वैसे ही व्यक्ति के शरीर में सिर्फ हाथों में ही रेटिंग प्लेट नहीं है , उसके मुख , पैर , त्वचा और पूरे शरीर की आकृति भी अनेक रहस्योद्घाटन करती है ।

हमारे यहां पूरे शरीर लक्षण पर आधारित विज्ञान को सामुद्रिक शास्त्र कहा जाता है जिसे समुद्र नामक ऋषि ने लिखा था । हस्तरेखा शास्त्र इसका एक विशेष अध्याय है । इस अध्याय के अलावा भी इसमें शरीर की आकृति , पैर , हाथ , मुख , कान , नाक , त्वचा , बाल आदि के अध्याय हैं जिनके आधार पर भी व्यक्ति के चरित्र या भविष्य बताने के बारे में लिखा है ।

तो हाथ कटने से न तो व्यक्ति का जीवन समाप्त होता है न उसका भविष्य ।आज की बात करें तो ऊँगली कटने से बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट पर आधारित व्यक्ति के आधार कार्ड की पहचान नहीं समाप्त होती है . आँख के रेटिना से भी व्यक्ति की पहचान हो सकती है . हां बताने में असुविधा जरूर हो जाएगी ।

आजकल शरीर का कोई भी हिस्सा ले कर डीएनए की जांच की जाती है , उससे अनुवांशिक रोग बताए जा सकते हैं और हर एक व्यक्ति का डीएनए अद्वितीय होता है . मनुष्य के शरीर के हर हिस्से पर उसकी इबारत लिखी है , यह बात दूसरी है कि वह भाषा हम पढ़ना नहीं जानते हैं .


अगर ऊपर मोटर के उदाहरण में मोटर खराब हो जाए तो नयी मोटर लाने के लिए या तो मोटर की रेटिंग प्लेट चाहिए या मोटर का मॉडल नम्बर भी अगर निर्माता या विक्रेता को बता दें तो भी आप बिलकुल वही मोटर पा सकते हैं ।

व्यक्ति की जन्मतिथि , समय और स्थान मोटर के मॉडल नंबर ( आधार कार्ड संख्या ) की तरह है जिसके द्वारा भी विशेषज्ञ ( ज्योतिषी) उस व्यक्ति की संभावनाओं और क्षमता के बारे में जान सकते हैं । यहां रेटिंग प्लेट अर्थात हाथ की जरूरत भी नहीं पड़ती है ।


इसी प्रकार कुछ अशिक्षित लोग यह अनर्गल विवाद करते हैं कि एक व्यक्ति ने चाकू से अपने हाथ में भाग्य रेखा बना दी जो पहले नहीं थी और उसने भाग्य बदल दिया ।

ज़रा सोचें कि अगर मोटर वाले उदाहरण में एक दूसरे बड़े मोटर की रेटिंग प्लेट लगा दें तो मोटर की क्षमता बढ़ नहीं जाएगी । रेटिंग प्लेट या हस्त रेखा भाग्य की सिर्फ सूचना देने के लिए है भाग्य बदलने के लिए नहीं है । इसी तरह से जन्मतिथि या जन्मसमय या कुंडली बदल देने से व्यक्ति का भाग्य नहीं बदल सकता है न व्यक्ति का चरित्र।

टिप्पणी

अगर हमारा भाग्य बदल नहीं सकता तो ये ज्योतिषी इतनी नौटंकी क्यों बताते हैं, ये कर लो वो कर लो, यहां पानी डालो, वहां नारियल बहाओ।…खैर मुझे तो ये सब पैसे कमाने के तरीक़े लगते हैं, जब हम अपना भाग्य बदल नहीं सकते तो भाग्य जानकर क्या उखाड़ लेंगे।

टिप्पणी का उत्तर

वह झोलाछाप डॉक्टर की कोटि के ज्योतिषी हैं . असली डॉक्टर तो जितना हो सकता है उतना करेगा और बाकी मना कर देगा . असली पढ़ा लिखा ज्योतिषी भी जितना हो सकता है , उतना बता देगा , बाकि मना कर देगा .जब कोई क़ानून की पढ़ाई कर के वकील बनता है तो वह कानून बदल नहीं पाता है . लेकिन कानून से कब कैसे और कितना बचा जा सकता है, या फायदा उठाया जा सकता है , वह जरूर जान जाता है . इस तरह से हरेक ज्ञान की सीमाएं हैं और फायदे भी . ज्योतिष की भी हैं , हस्तरेखा , विज्ञान , मेडिकल साइंस , अर्थशास्त्र सभी की सीमाएं हैं . फिर भी इन सब के कुछ फायदे हैं तभी इन्हें पढ़ा और प्रयोग किया जाता है . हाँ , जो लोग इनसे १०० प्रतिशत हल चाहते हैं , उनके लिए कोई भी पढ़ाई बेकार है .

This is copyrighted by me and it was first published on 15 October 2019 on Quora क्या हाथ की लकीरों से कुछ नहीं होता , क्योंकि किस्मत तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते?

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